किसी भी संवेदनशील मुददे को किस तरह राजनीति का शिकार बनाया जाता है इसकी वानगी है महिला विधेयक। महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की बात 14 सालों से चलता आ रहा है और आज तक यह पारित नहीं हो सका। लगता है कि फिर यह पास नहीं होगा। इसको लेकर संसद में जो हुआ वह दुर्भग्यपूर्ण तो था ही पर लालू स्टाइल राजनीति का यह एक ट्रेलर था। बिहार में लालू जी के इन्हीं (सालों) ने तहलका मचाया था और अब यही देश हित की बात कह रहें है। महिला विधेयक के विरोध में सभापति माननीय हामिद अंसारी की माइक को छिनने की कोशिश करना तथा बिल की प्रति छिन कर उसके टुकड़े सभापति के उपर फेंकना भारत के संसदीय इतिहास में एक और काला अध्याय जोड़ गया पर बिडम्बना यह कि सुभाष यादव इसे देश हित में बता रहें है। लोकतन्त्र में विरोध करना जायज है पर संसद के अन्दर इस तरह का विरोध लालू जी के द्वारा एक प्रायोजित विरोध था इसके पीछे लालू जी का स्क्रीप्ट काम कर रहा था। लालू जी बिहार की राजनीति में इसी तरह का तिकड़म लगाते रहे है। बंटो और राज करो। इसी बिहारी राजनीति का उनका सिक्का जब उखड़ गया तो वे एक राजनीतिक मुददे की तलाश में सालों से भटक रहें है। भुखे सियार की तरह लालू जी को यह मुददा मिला है और वे टूट पड़े है। अभी हाल ही में उनके द्वारा एक सभा को संबोधित करते हुए कहा गया था कि समाज को तोड़ने का जो कलंक उनके माथे लगा है उसको धोने के लिए वे जी जान लगा देगें। कुछ लोगों को लगा कि लालू जी का हृदय परिवर्तन हो गया पर लालू जी और मुलायम सरीखे नेताअो की दुकानदारी ही जाति आधारित राजनीति है। वे हर हाल में किसी न किसी बहाने इस तरह के मुददे को हवा देकर अधर में गई अपनी राजनीतिक चेहरे को चमकाना चाहेगें। महिला बिल जमीन खो चुके इन नेताओं को जमीन तलाशने में मददगार हो सकती है और मण्डल की आग लगाने की कोशिश की बू इसमें आ रही है। महिलाओं को जाति में बांटने की कोशिश इसी साजिश का हिस्सा है। महिलाऐं तो स्वयं ही एक शोषित समाज का हिस्सा रही है और उनको बांटने की राजनीति महज अपनी दुकान चमकाने की कोशिश है।
भारत के प्रधानमन्त्री माननीय मनमोहन सिंह और सोनीया गांधी से अपील कि महिला बिल पर राजनीति उनके द्वारा भी नहीं की जाय और जिस तरह सरकार को गिरने से बचाने के लिए अपनी क्षमता को लगाते है उसी तरह की क्षमता लगा कर महिला आरक्षण बिल का पारित करायें। नहीं तो यह भी मंहगाई से ध्यान बंटाने की कांग्रेसी साजीश भर होगी।
राजनीति तो सभी चमकाना चाहते हैं.
जवाब देंहटाएंAgar ye bill nahi pass hua to sabhi yahi sochenge ki MAHANGAI SE DHYAN BATANE KE LIYE YE SAB HO RAHA HAI..
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