अभावों के बावजूद खेतों में अन्न उपजाते किसान के इस रूप को गांधी नहीं कहेगें क्या.....
कटिहार के एक गांव में गर्मा धान की खेत में खर-पतवार की निकाई करने के क्रम ली गई तस्वीर देश के रहनुमाओं से शायद कह रही कुछ...
एक तर्जे-तगाफुल है सो वो उनको मुबारक।
एक अर्जे-तमन्ना है सो हम करते रहेंगें।।
फैज अहमद फैज.
इन नेताओं के लिए गाँधी जी का बस फोटो काम का है..ये फोटो भी वोट दिला दे तो इसे ही गाँधी कहने लग जायेंगे.
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