चाय की दुकान पर चाय पीने के क्रम में यह चर्चा सुनने को मिली। सभी लोग बिहार मे नीतीश कुमार की मनमानी और शरद यादव की जिद्द पर चर्चा कर रहे थे। लोग जदयू की घटना पर चर्चा करते हुए लालू यादव का जनता दल से अलग होने की चर्चा भी कर रहे थे। सबसे अधिक लोग इसकी चर्चा कर रहे थे की नीतीश कुमार, शरद यादव और ललन सिंह ने जार्ज फर्नाडीस की जो दुर्गति की थी उसका खामियाजा तो भुगतना ही होग।
लोग शायद ठीक ही कह रहे थे, मेरा भी यही मानना है। तिकड़म करके देश के सबसे प्रखर समाजबादी नेता जर्जा साहब को अध्यक्ष पद से जिस तरह बेइज्जत कर हटाया गया और उनको औकता बताने की बात कही गई थी यह एक बड़ा पाप था और इसका फल तो भुगतना ही पड़ेगा। आखिर राजनीति किसी का उधर जो नहीं रखती............
बिल्कुल सच कहा आपने की राजनीति की किसी की उधार नहीं रखती है.
जवाब देंहटाएंविकास पाण्डेय
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