टेलीविजन पर सहवाग, राठौर और प्रियका को यह कहते सुन कि फिर दिल दो हॉकी को, बहुत दुख होता है अपने राष्टीय खेल की इस दुर्दशा को देख पर खुशी भी होती है कि एक सार्थक प्रयास किसी ने प्रारंभ तो किया। आखिर एक एक कदम से ही हम मंजील तक पहूंचते है। और फिर मैंने ने अपना दिल हॉकी को दिया और हॉकी ने भी मेरा दिल जीत लिया। यहां बिहार के शेखपुरा जिले के बरबीघा जैसे कस्वाई शहर में हम कई दोस्तों ने कहा कि हम भी हॉकी को फिर से दिल देगें। उस हॉकी को जिसने देश की खातीर आठ ओलम्पिक गोल्ड मेडल जीते। इसी के तहत हम सभी ने टीवी पर इसका आनन्द लिया पर यहां बिजली ही तो नहीं रहती और जब बिजली गुल हो गई तो सभी मोबाईल से दूसरे शहर में जहां बिजली थी मैच का हाल लाइव सुनते रहे। और रोमांचक मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को चार एक से हराया। गजब ताकत का प्रदशन करना पड़ता है हॉकी में। माथे से पसीना चूना मुहावरे को चरितार्थ होता ध्यानचन्द स्टेडियम में देख रहा था। खेल के 27वें मिनट में शिवेन्द्र ने जब गोल दागा तभी से चक दे इण्डिया की गुंज होने लगी। और फिर सन्दीप सिंह ने 35 वें तथा 57वें मिनट में गोल दाग चक दे चक दे कर दिया। दूसरे हाफ के प्रारंभ होते ही प्रभोजोत ने गोल दाग कर अपनी मंशा बता दी। भारत की जीत पर राष्टपति प्रतिभा पाटील ने भी बधाई दी और मुझे अफसोस हो रहा है तो यह कि मैं स्टेडिमय मे बैठ कर मैच नहीं देख पाउगा।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
-
आचार्य ओशो रजनीश मेरी नजर से, जयंती पर विशेष अरुण साथी भारत के मध्यप्रदेश में जन्म लेने के बाद कॉलेज में प्राध्यापक की नौकरी करते हुए एक चिं...
-
#कुकुअत खुजली वाला पौधा अपने तरफ इसका यही नाम है। अपने गांव में यह प्रचुर मात्रा में है। यह एक लत वाली विन्स है। गूगल ने इसका नाम Mucuna pr...
-
यह तस्वीर बेटी की है। वह अपने माता पिता को माला पहनाई। क्यों, पढ़िए..! पढ़िए बेटी के चेहरे की खुशी। पढ़िए माता पिता के आंखों में झलकते आंसू....
कल का मैच देखकर वास्तव में ही बहुत अच्छा लगा. यदि हमारी टीम बाक़ी मैच भी ऐसे ही खेली तो यह भी क्रिकेट की बुलंदियां छू सकती है.
जवाब देंहटाएंचक दे इंडिया!!
जवाब देंहटाएंये रंग भरा त्यौहार, चलो हम होली खेलें
प्रीत की बहे बयार, चलो हम होली खेलें.
पाले जितने द्वेष, चलो उनको बिसरा दें,
खुशी की हो बौछार,चलो हम होली खेलें.
आप एवं आपके परिवार को होली मुबारक.
-समीर लाल ’समीर’