आप भी बधाई दें !
एक चीनी कंपनी को 260 करोड़ का मुनाफा, बधाई हो मन्त्री जी !
चीनी कंपनी श्री रेणुका शूगर्स को 260 करोड़ का मुनाफा हुआ। यह समाचार सुबह सुबह नेट पर पढ़ने को मिला, पढ़ कर बहुत दुख हुआ। दुख इस बात का कि जब चीनी कंपनियों के मुनाफे के लिए खुद सरकार के मन्त्री शरद पवार ने इतनी जोर लगा दी है कि ढीठाई से कहते है कि चीनी की कीमत नहीं कमेगी, तब मुनाफा मजह 24 प्रतिशत ही क्यों रही। भाई सरकार जब अपनी हो तो बात ही क्या और फिर हम सरकार को बनाते ही इस लिए है कि वे मुझे कमाने का मौका दें। आखिर इस लिए तो करोड़ों चन्दा देते है। इसी बात से आज इस समाचार को पढ़ कर बहुत बहुत दुख हुआ। फिर सोंचा कि यह मुनाफ तो ऑफ द रिकार्ड है और इसमें सरकार को दिया गया कमिशन और मन्त्री जी का हिस्सा तो शामील नहीं होगा, तब शकून हुआ। आखिर आम आदमी के आंसू से कमाए गए इस 260 करोड़ के मुनाफे में मन्त्री जी का हिस्सा नहीं हो तो यह तो बड़ी नाइंसाफी होगी। आखिर इसके लिए मन्त्री जी को कितने जगह जबाब देना पड़ा है और जनता से वोट लेने के लिए तिकड़म भी उन्हीं को करना है। आखिर जनता ऐसे ही वोट तो नहीं दे देती। यह क्या कम आसान काम है कि मन्त्री जी राज्य सरकार को राज्य सरकार केन्द्र सरकार को चीनी कड़वी होनी का कारण बनाती रहती है और जय हो जनता जर्नादन, यह तो बेचारी गाय है, तुरन्त समझ जाती है। और फिर यह तो महज एक कंपनी का मुनाफा है बाकि कितनी कंपनियों ने कितना कमाया इसे कौन बताएगा। धन्य हो मन्त्री जी, गजब के करिश्माई। मीठी चीनी को भी कड़वी कर दी।
तो आइए मन्त्री जी को इस करिश्मा के लिए हम सभी उन्हे बधाई दें। बधाई हो मन्त्री जी...............................
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हम किसी और को क्यों बधाई दें। आप को देंगे, इस अच्छी खबर को बताने के लिए।
जवाब देंहटाएंमूल बात तो यह है जो कोई ध्यान नहीं दे रहा है, वह है कि खुद पँवार की कितनी चीनी मिलें हैं, और उन पर वो कितना लाभ कमा रहे हैं।
जवाब देंहटाएंमैं आंकड़ों में थोडा संशोधन कर देता हूँ. दरअसल यह २६० करोड़ का मुनाफा ३१ दिसंबर, २००९ को ख़त्म हुए तिमाही का है और पिछली तिमाही के मुकाबले इसमें २४ गुना वृद्धि हुई है. किन वजहों से यह करिश्मा हुआ है यह बताने की जरूरत नहीं :)
जवाब देंहटाएंऔर हाँ ..........यह मुनाफा अभी हम और बढ़ता हुआ देखेंगे क्योंकि ब्राजील से आयात होने वाली कच्ची चीनी के शोधन की क्षमता उत्तर प्रदेश से बाहर केवल रेणुका शुगर्स के पास ही है और उत्तर प्रदेश में परमआदरणीय मायावती बहन जी ने कच्ची चीनी के शोधन पर पाबन्दी लगा दी है और कांग्रेसनीत आम जनता की सरकार ने अब तक आयात की जा चुकी २० लाख टन कच्ची चीनी और आगे भी आयात होने वाली कच्ची चीनी को उत्तर प्रदेश से बाहर शोधन को मंजूरी दे दी है. मतलब रेणुका शुगर्स सर से पाँव तक मुनाफे की कडाही में डूब चुकी है.
एक बात और........ यह शोधित चीनी खुले बाजार में ५५-६० रुपये किलो के भाव पड़ेगी.
अब आप अपना राशन कार्ड और बाबूजी वाला राशन का थैला झाड़ -पोंछ कर तैयार कर लें और हाँ..... गम गलत करने और कतार में खड़े होकर टाइम पास करने के लिए जगजीत सिंह की गाई हुई गजल "अब मैं राशन की कतारों में खड़ा नजर आता हूँ.............." सुन सकते हैं:)