मैं समय हुं
लोगों ने मेरी तुलना
सांप से कर दी
वस्तुत:
ठीक ही किया
क्योकि
मेरे पास भी है कई विर्षले दान्त
मेरी विषग्रन्थी में भी भरा रहता है
`सांघातिक विष´
मैं भी डंस सकता हूं
पलटकर
मैं भी उतारता हूं अपनी केचुली
परन्तु
कोई मेरे फण को कुचल नहीं सकता
और
मैं डंस सकता हूं
सांप को भी।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
-
आचार्य ओशो रजनीश मेरी नजर से, जयंती पर विशेष अरुण साथी भारत के मध्यप्रदेश में जन्म लेने के बाद कॉलेज में प्राध्यापक की नौकरी करते हुए एक चिं...
-
#कुकुअत खुजली वाला पौधा अपने तरफ इसका यही नाम है। अपने गांव में यह प्रचुर मात्रा में है। यह एक लत वाली विन्स है। गूगल ने इसका नाम Mucuna pr...
-
यह तस्वीर बेटी की है। वह अपने माता पिता को माला पहनाई। क्यों, पढ़िए..! पढ़िए बेटी के चेहरे की खुशी। पढ़िए माता पिता के आंखों में झलकते आंसू....
मैं भी उतारता हूं अपनी केचुली
जवाब देंहटाएंपरन्तु
कोई मेरे फण को कुचल नहीं सकता
bahut achche se satay bataya hai
samay se bada dasne wala saanp koi nahi