कहा जाता है कि शाश्वत प्रेम किसी भी कारण का मोहताज नहीं होती और और इसी शाश्वत प्रेम को सार्थक कर रही है मीनाक्षी कुमारी। पेशे से निजी विद्यालय में शिक्षिका मीनाक्षी ने गांव समाज और घर परिवार से विरोध कर एक विकलांग युवक को अपना जीवन साथी चुन लिया।
शेखपुरा के शेखोपुरसराय प्रखण्ड के पन्हेसा निवासी मीनाक्षी एवं नीमी गांव निवासी राजकुमार ने कोर्ट मैरेज कर लिया। इस मामले में मीनाक्षी के घर वालांे ने काफी विरोध किया पर जब दो दिलों ने एक होने का फैसला कर लिया तो फिर किसी के विरोध से वह कहां रूकता है।
शेखपुरा के शेखोपुरसराय प्रखण्ड के पन्हेसा निवासी मीनाक्षी एवं नीमी गांव निवासी राजकुमार ने कोर्ट मैरेज कर लिया। इस मामले में मीनाक्षी के घर वालांे ने काफी विरोध किया पर जब दो दिलों ने एक होने का फैसला कर लिया तो फिर किसी के विरोध से वह कहां रूकता है।
राजकुमार दोनों पैर से पूरी तरह से विकलांग है पर प्रतिभा से सम्पन्न भी। राजकुमार तीन चक्कों की मोटरसाईकिल की सवारी करता है और इलेक्ट्रोनिक समानों को बनाने की जानकारी भी रखता है जिसकी वजह से उसने कभी भी अपनी विकलंांगता को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया और फिर मिनाक्षी ने उसे जीवन साथी चुन लिया।
मीनाक्षी एक गांव की रहने वाली युवती है और उसका यह साहस महिला सशक्तिकरण के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है।