लो जी, कांग्रेस के तथाकथित युवराज ने आखिर कर मंुह खोल ही दिया पर वही तोंता रटंत? बेचारे को जो सिखाया पढ़ाया गया उसे ठीक से पढ़ कर और याद कर संसद में रखा और कह दिया कि अन्ना का आंदोलन लोकतंत्र के लिए खतरा?
बेचारे को कौन बतलाएगा कि यही आन्दोलन है तो लोकतंत्र जिंदा है वरना उनके दादी ने इसे मारने के लिए कोई कोर कसर उठा नहीं रखी थी।
मुझको तो इस सब में राहुल को प्रोजेक्ट करने की बू आ रही......
पर मीडिया का कैमरा सामने आते ही बेचारे लंगोटी उठा कर भागने लगते है, पता है तोंता रटंत के आलावा भी कुछ बोल न दे...
जय हो, जनाब को भावी प्रधानमंत्री कहा जाता है.. भगवान भला करे इसे देश का...