07 फ़रवरी 2019

गोदी मीडिया के सहारे चौथे खंभे पे प्रहार..

गोदी मीडिया!! मीडिया के मनोबल तोड़ने की एक जबरदस्त साजिश

आजकल भारत के चौथे खंभे पर प्रहार की जबरदस्त साजिश चल रही है। अभी ममता बनर्जी ने भी यही किया। इस साजिश को अंजाम देने के लिए गोदी मीडिया का एक नया शब्द बनाया गया है। इस शब्द के सहारे बौद्धिक लोग भी चौथे खंभे पर प्रहार करना शुरू कर दिए हैं।

दरअसल अगर कोई हमारे मन की बात नहीं करें तो उसे बदनाम कर के उसके मनोबल को तोड़ देना एक बहुत ही आसान रास्ता है। स्थानीय स्तर पर भी या अनुभव रहा है। कोई अगर किसी के मन की नहीं सुन रहा तो उसे बदनाम कर दिया जाता है।

गोदी मीडिया शब्द के साथ इसी तरह से खिलवाड़ हो रही है।

मीडिया के कई महान महारथी भी इस खेल में शामिल है जो मीडिया विपक्ष के साथ खड़े होकर सत्ता पक्ष का विरोध नहीं कर रहा उसे गोदी मीडिया कहा जाता है।

हालांकि यह भी सही है कि कुछ लोग सत्ता के साथ खड़े होकर केवल सत्ता की बात कर रहे हैं और सत्ताधारी के प्रवक्ता की तरह बात करते हैं परंतु इसका मतलब यह नहीं कि बहुत सारे लोग उसी में शामिल है। परंतु उनको गोदी मीडिया के संज्ञान देखकर मनोबल तोड़ने में बहुत लोग जुट गए हैं। उसके दूसरे पक्ष की बात किसी के द्वारा नहीं की जा रही। जैसे सत्ताधारी पक्ष के साथ खड़े होकर सत्ता के प्रवक्ता की तरह मीडिया काम कर रही है तो उसे गोदी मीडिया कह रहे हैं, उसी तरह कुछ मीडिया हाउस विपक्ष के साथ खड़े होकर विपक्ष के प्रवक्ता के रूप में काम कर रहे और सत्ता के सकारात्मक पक्ष को भी नकारात्मक पक्ष की तरह पेश कर रहे तो इसको कौन सा मीडिया का नाम दिया जाए।

सवाल यह नहीं कि गोदी मीडिया क्या है, सवाल यह कि निरपेक्ष मीडिया कौन है? कोई सत्ता के साथ खड़ा है तो कोई सत्ता के विपरीत। जब हम गोदी मीडिया की बात करते हैं तो हम भोदी मीडिया की भी बात करें.. दोनों तरफ है आग बराबर लगी हुई... जय हिंद।