29 अक्तूबर 2022

ब्राह्मणवाद से आजादी, छुआछूत से आजादी

ब्राह्मणवाद से आजादी, छुआछूत से आजादी


ब्राह्मणवाद और छुआछूत हिंदू धर्म के लिए इसे सबसे बड़ा अभिशाप माना गया है। इसी को उदाहरण स्वरूप प्रस्तुत करके हिंदू धर्म के विरुद्ध प्रचार करने में बड़े-बड़े महारथी लगे रहते हैं। इसी का परिणाम है कि एक बड़े वर्ग में हिंदू धर्म को लेकर घृणा का भाव व्यापक रूप से देखा जाता है। व्हाट्सप्प विश्वविद्यालय इसमें काफी कारगर साबित हो रहा।
हालांकि मैं हिंदू धर्म का ध्वजवाहक नहीं हूं परंतु एक हिंदू हूं। सनातन धर्म को मानता हूं। इसी वजह से सभी धर्मों के प्रति समान भाव रखता हूं। 

बचपन से कुछ चीजों को देखता रहा हूं जिसको लेकर अब समझ बनी है कि ऐसे सकारात्मक बातों को प्रचारित नहीं किया गया।   

इसी में छठ महापर्व भी शामिल है। छठ महापर्व पर ब्राह्मण से किसी तरह का पूजा नहीं कराया जाता। सारा विधि विधान परंपरागत रूप से की जाती है।

जातीय छुआछूत मिटाने को लेकर डोम जाति से सूप दौरा लेकर उपयोग किया जाता है। उसी में अर्घ्य पड़ता है। माली से फूल लेने, पासी से पानी फल लेने, धोबी से पलटा (व्रती का कपड़ा ) लेने सहित कई जातियों की उपयोगिता इसमें है।

सबसे खास बात के छठ घाट पर सभी जाति के व्रत करने वाली एक साथ भगवान सूर्य की उपासना करते हैं। सभी लोग जब सूर्य की उपासना में अर्घ्य करते हैं तो बगैर जाति देखें जल अर्पण करते हैं। यहां तक कि छठ व्रत करने वाली महिलाओं को बगैर जाति देखे सभी लोग पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं।


18 अक्तूबर 2022

सुखी दांपत्य जीवन का राज

सुखी दांपत्य जीवन का राज

अरुण साथी, (हास्य व्यंग्य)

किसी संत पुरुष ने पत्नी की बनाई कड़वी चाय की प्रशंसा की और अपने भक्तों को सुखी दांपत्य जीवन का इसे ही राज बताया। जब से यह ज्ञान प्राप्त हुआ है इस मंत्र को मान लिया गया है। इस मंत्र रूपी नुस्खे को कई बार आजमाया है। जैसे कि कलेजा पर पत्थर रखकर  पत्नीजी को गाहे-बगाहे रूपमती और गुणवंती बताते रहना पड़ता है। इसका सीधा असर सुखी दांपत्य जीवन पर पड़ता है।
 

पत्नी जी को पति से प्रेम हो अथवा नहीं हो परंतु मिर्ची से प्रेम नैसर्गिक है। सो है। आप एक लाख बार कोशिश कर लीजिए इस अटूट प्रेम बंधन को तोड़ना असंभव होगा। इसी मिर्च प्रेम की व्याख्या पत्नी जी के सामने जब करना पड़े तो वहां भी संत का मंत्र काम आता है। पत्नी जी ने आज मशरूम बनाई। खाने के बाद एक मित्र का कॉल आ गया। पत्नी जी वहीं थी। बस क्या था। सुखी दांपत्य जीवन का मंत्र अपना लिया। जब दोस्त ने पूछा कि क्या खा रहे हो और कैसा बना है मैंने कहा, पत्नी जी के हाथ में तो जैसे जादू है। इतना स्वादिष्ट मिर्चाय मशरूम बनाई है कि वर्णन करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है। स्वाद ऐसा है कि खाते-खाते  आंखों से झर झर खुशी के आंसू बह रहे हैं।  और तो और खाने के तुरंत बाद रसोई में जाकर एक मुट्ठी चीनी से आतीशी स्वाद को  काबू करना पड़ा। 

 

पत्नी जी की पाक कला का प्रशंसक हर पति होता है। ना हो तो जान सांसत में पड़ जाए । इसी पाककला का प्रशंसक मैं भी हूं ।  अब देखिए इटली और चीन के पाक विशेषज्ञों को भारत आकर शोध करना चाहिए। कैसे उनके व्यंजनों में भारतीय प्रतिभावान पत्नियों ने पंच फोरन का छौंक मारकर उसके स्वाद में 12 चांद लगा दिए । पाक कला का ही नमूना है कि मैगी नूडल्स और पास्ता का भारतीय संस्करण पत्नी जी के बुद्धिमान होने का सूचक है। तभी तो इसे मिर्च मसाला के साथ बनाकर सब्जी के रूप में रूपांतरित कर दिया गया है।

संत महाराज के दिए हुए मंत्र अक्सर काम आते हैं। अब एक-दो दिन के बाद गंदे होने पर भी कपड़े को बदलना कानूनन जुर्म हो गया है । उसको चार-पांच दिन पहनना पड़ता है। कभी-कभी प्रेम बस पत्नी जी पूछ ले कि इतने दिनों तक गंदा कपड़ा क्यों पहने हुए हैं तो उन्हें यह बताना पड़ता है कि राष्ट्रीय जल बचाओ अभियान में सक्रिय भूमिका दे रहे हैं।  जब आप यह सब नुस्खा आजमाते हैं तो गुणवंती पत्नी जी यह सोचने पर विवश हो जाती हैं कि पति के रूप में गधा उनको मिला है कि बैल।

14 अक्तूबर 2022

दैनिक जंगल समाचार पत्र में जांबाज बाघ की चर्चा

दैनिक जंगल समाचार पत्र में जांबाज बाघ की चर्चा 


दैनिक जंगल समाचार पत्र में इन दिनों एक जांबाज बाघ के शहीद होने की खबर सुर्खियों में है । खबर कि अपने जंगल और जमीन पर कब्जा कर बैठे जंगल, जानवर और जमीनखोर आदमजात से लड़ते-लड़ते एक जांबाज बाघ शहीद हो गया।
 खबर में यह भी लिखा गया है कि जंगल जमीन और जानवरों से जंगल को बचाने के लिए लड़ते लड़ते शहीद हुए बाघ की तरह का हौसला कोई कोई ही कर पाता है ।


कहा गया है कि आदमजात ने उनके जंगल पर कब्जा कर लिया । इस वजह से जंगल खत्म हो गए ।कई जानवर विलुप्त हो गए। हाथी, बंदर, बिल्ली, कुत्ता, गिलहरी, लोमड़ी, खरगोस इत्यादि जानवरों ने आदमजात से समझौता कर लिया और पालतू होकर उसके साथ रहने लगे।

 और उसी के जैसे हो गए परंतु बाघ शेर चीता यह क्रांतिकारी निकले अभी तक पालतू भी नहीं हुए हैं और शहरीकरण का इन पर प्रभाव नहीं पड़ा है। इस वजह से लड़ते-लड़ते शहीद हो रहे हैं।

 दैनिक जंगल समाचार पत्र में इस बात की भी चर्चा की गई है कि विलुप्त होने के बाद उनकी पूछ बढ़ जाती है । आदम जात दिखावटी प्रेम प्रदर्शन में बहुत ही शातिर है। इसी वजह से अफ्रीका से चीता मंगवा कर दिखावटी प्रेम का जबरदस्त प्रदर्शन किया गया। साथ ही साथ समाचार पत्र के संपादकीय में विशेष तौर पर इस बात की चर्चा की गई है कि आजमजात जंगली जानवरों से भी खूंखार हो गया है। तभी तो एक मरे हुए बाघ की लाश को नोचते हुए आजम जात को देखा गया। इस पर खास टिप्पणी की गई है कि आदम जात का अवगुण जानवरों में नहीं अपनाना चाहिए।

08 अक्तूबर 2022

आदिमानव की पूंछ और वंशजों का विमर्श

आदिमानव की पूंछ और वंशजों का विमर्श
अरुण साथी

 वर्तमान में हम लोग कलिकाल से एक दो  युग आगे बढ़कर खली-बली काल में जी रहे हैं। इस काल में खलबली के अनेकों अनेक कारण  गढ़ लिए जाते है। नहीं कुछ तो, राक्षस के हेयर स्टाईल पर खलबली करने लगेगें। इसमें आगरा और रांची रिर्टन की संख्या सर्वाधिक होती है। ये लोग सर्वाधिक लोकप्रिय सतत हस्त पकड़, उंगली रगड़ यंत्र पर देखे जाते है।
 देहात में कहावत है। जो ज्यादा होशियार होता है वह तीन जगह चखता है। अब चौथे नंबर, जिह्वा पर चखने का चलन भी बढ़ गया।  जरा सा किसी ने गोबर किया नहीं कि चखने में लग जाते है। उसके बाद छाती चौड़ा कर उसे अपने-अपने हिस्से वाले अ-धर्म का बताकर खलबली मचा देते हैं।  

अभी अभी चखने के बाद यह घोषणा कर दी कि महान अहंकारी राक्षस राज उनके वंशज थे। यहां तक कि अपने वंशज के हेयर स्टाइल तक उनको पता है। उनके पूर्वजों का हेयर स्टाइल बदलकर दूसरे राक्षस  जैसा बनाकर उनका अपमान किया गया है। जैसा की सर्वविदित है। बदबू के तेजी से प्रसारित होने के काल में उसके प्रचार प्रसार के लिए  सोशल मीडिया जैसे माध्यम लाए गए हैं। सो बदबू ही बदबू।

आखिरकार मध्धड़ काका तक गांव में यह बात पहुंची। उन्होंने  जाकर पूछ लिया। बताओ तुम्हारे आदिमानव को राक्षस की तरह दिखाया और विरोध दूसरे लोग कर रहे हैं। उनका दावा है कि उनका राक्षस तुम्हारे राक्षस से ज्यादा प्रतापी था।


खैर, सिनेमा बनाने वालों को अब चाहिए कि बनाने के बाद सेंसर बोर्ड से पहले अखिल भारतीय अ-धर्म महासभा में उसे भेजें। जहां वे आदिमानव के पुंछ का विश्लेषण कर यह बता देंगे कि इसमें कितने बाल होने चाहिए। हेयर स्टाइल कैसा होना चाहिए। वस्त्र कैसे होने चाहिए । उसका रंग कैसा होना चाहिए। जूता और उसके रंग भी बताएंगे । यहां तक की कच्छा और बनियान के बारे में भी अपने वंशजों के विशेषज्ञ सब कुछ बता देंगे। इतना ही  यह भी बता देंगें से इसके अभिनेता उनके अ-धर्म का कभी विरोध भी किया है या नहीं।  जय हो खलीबली काल की।