19 जून 2022

अग्निपथ पे लथपथ अग्निवीर

भ्रम जाल से देश नहीं चलता
अरुण साथी
सबसे पहले अग्निपथ योजना का विरोध करने वाले आंदोलनकारियों से निवेदन है कि सार्वजनिक संपत्तियों का नुकसान नहीं करें, यह आपका नुकसान है। अपका देश है। विरोध का अन्य तरीका भी कारगर है।  जिस तरह से आंदोलन उग्र है उससे आप सेना में भर्ती वाले जवान ना रहकर गुंडई करने वाले बन गए। जमाना इसी तरह के गोदी मीडिया का है। अभी आपको गुंडा की तरह प्रस्तुत किया जा रहा है। यह आपकी गलतियों से हुआ है। अहिंसक आंदोलन से आप देश भर के लोगों का समर्थन प्राप्त कर सकते थे परंतु आज देश भर में आपकी आलोचना भी हो रही है।

दूसरी बात, यह हर किसी को पता नहीं होगा कि आपके माता-पिता पेट काटकर आपको तीन चार साल तक सेना में भर्ती के लिए मेहनत कराते हैं। यह ज्ञान बांटने  वालों  को  पता  नहीं  होगा  कि  आपके  माता  पिता  नमक  रोटी  खाकर  आपको  पेट  भर दूध देते है। 4 बजे सुबह आप जगते हैं और धरती का सीना नंगे पांव चाक करते हैं। दौड़ते हुए आपके आंखों में तो सपने होते ही है आपके माता-पिता, भाई-बहन के आंखों में भी सपने पलते है। 


खौर, कई लोग कई तरह के सवाल कर रहे हैं।  जब इस अग्निपथ स्कीम को लागू किया तो माेदी जी को जरूर पता होगा कि देश भर में इसका विरोध होगा। रणनीति है कि वे चुप रहेंगे। उन्हें पता होगा कि कितने दिनों तक आंदोलन चलेगा देखते हैं। उनकी यह नीति लगातार रही है। और उन्होंने बिल्कुल प्लानिंग से यह काम किया है। योजना लागू करने के साथ ही आईटी सेल पर व्हाट्सएप ज्ञान भी शुरू हो गया। यह सभी को पता है कि सोशल मीडिया पर कुतर्क का जाल है। 

खैर, कुछ सवाल ज्ञान बांटने वालों से है
1
50 हजार प्रत्येक वर्ष नियमित सेना की भर्ती होती है तो क्या 25 प्रतिशत अग्निवीर को प्रत्येक वर्ष 50,000 नियमित रूप से बहाली होगी।
2
50 हजार प्रत्येक साल नियमित बहाली के हिसाब से यदि युवाओं को रोजगार देने का दावा अग्निवीर से किया जा रहा है तो कम से कम 2 लाख प्रत्येक साल बहाली होनी चाहिए, होगी क्या
3
सैनिकों के लिए मिलने वाले अन्य सुविधाओं का लाभ नौकरी करते और नौकरी करने के बाद मिलेगा यथा, केंद्रीय विद्यालय में बच्चों का नामांकन, रेलवे हवाई यात्रा में सुविधा, मेडिकल सुविधा इत्यादि
4
25% अग्निवीर को नियमित करने का दावा किया गया है तो फिर इसके लिए अप टू 25% क्यों कहा जा रहा है। 25% की गारंटी क्यों नहीं दी जा रही और वह 25% प्रत्येक साल होने वाले 50,000 बहाली जितना होगा क्या
5
यदि रोजगार देने की मंशा सरकार की थी तो 50,000 प्रत्येक साल होने वाले नियमित बहाली से अलग अग्निवीर की बहाली को क्यों नहीं रखा गया
6
सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए आज भी अर्ध सरकारी और निजी क्षेत्रों में नौकरी की सुविधा है। क्या अग्निवीरों के लिए इसके अतिरिक्त कोई सुविधा मिलेगी


अब कुछ समाधान
1
सरकार की मंशा युवाओं को रोजगार देने की थी तो नियमित बहाली को चालू रखा जाता। 2 साल तक जो मामला लंबित था उसकी बहाली हो जाती और नियमित बहाली में कोई छेड़छाड़ नहीं होता।
2
अग्नीपथ योजना नियमित बहाली से अलग लागू किया जाता है। यह स्वेछिक होता, जो इसमें जाना चाहते हैं उसका स्वागत किया जाता है।
3
नियमित बहाली को धीरे-धीरे कम किया जाता और अग्नि वीरों को 25% योजना के तहत उधर लिया जाता है।
4
अग्नीपथ योजना को लेकर पहले ही देशभर में बात रखी जाती। युवाओं के विचार लिए जाते।  मीडिया में विमर्श होती तो युवाओं के मन दुविधा नहीं होती।

5
नियमित बहाली के लिए दौड़, ऊंची कूद, लंबी कूद, गोला फेंक, लिखित  परीक्षा  का जितना मापदंड है अग्निवीर के लिए इस मापदंड को आधा किया जाता ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिलता।

15 जून 2022

#प्रधानमंत्री जी के नाम खुला खत

#प्रधानमंत्री जी के नाम खुला खत

#अग्निवीर 

देश के युवाओं को आपसे कुछ विशेष उम्मीद तो नहीं थी परंतु इस तरह से युवाओं के जीवन को, उसके पूरी कैरियर को अंधे कुएं में धकेल दीजिएगा इसकी भी उम्मीद नहीं थी। 

युवाओं के जीवन को अग्निपथ से कम आपने नहीं बना दिया। 4 साल अग्निवीर के रूप में सेना की संविदा पे नौकरी 21000 महीना वेतन पाकर 4 साल के बाद रिटायर्ड होकर 10 लाख लेकर युवा आगे क्या करेंगे...?

 यह शायद आपने सोच रखा है। जी हां! युवाओं के जीवन को पूरी तरह से बर्बाद करने की यह योजना कॉन्ट्रैक्ट पर सेना के नौकरी और फिर वहां से निकलकर कॉन्ट्रैक्ट पर अस्पताल, प्राइवेट बैंक में 10 हजार पर गार्ड की नौकरी और अपना पूरा जीवन बर्बाद .. !

प्रधानमंत्री जी आपको तो पता ही होगा कि 4 साल तक युवा कड़ाके की ठंड, भीषण गर्मी में भी लगातार कंक्रीट के सड़कों को अपने खाली पांव से रौंद देते हैं और तब जाकर सेना में भर्ती होते हैं। पता है प्रधानमंत्री जी जिस जगह पर नौजवान ऊंची कूद और लंबी कूद करते हैं वहां बजरंगबली के तस्वीर लगा कर पूजा पाठ करते हैं। उनके लिए वह स्थान मंदिर से कम नहीं होता। 

आपको पता है प्रधानमंत्री जी
सेना में भर्ती होते ही युवाओं के आंखों में सपने चमकने लगते है।

 सेना में भर्ती होते ही उन्हें अपने बूढ़े मां बाप के सपने को पूरे होते देखने के सपने आने लगते हैं।

 अपनी बहन के अच्छे घर में शादी के सपने आने लगते हैं। उस जवान के भी शादी के लिए रोज घर पे बरतुहर आने लगते है। 

 प्रधानमंत्री जी 

ऐसे युवाओं के सपनों को तोड़ देना ठीक ही है। सपने देखना बहुत बुरी बात है। आप के राज में तो बिल्कुल ही देशद्रोह।

 खैर, जो युवा जय श्रीराम के नारे लगाकर अंधभक्त बने हैं उनके साथ यही होना भी चाहिए, जय श्री राम...