निर्लज हो तुम...
इतने हील हुजज्त के बाद भी हमारे प्रधानमंत्री को अन्ना से बात करने की फुर्सत नहीं है! आज की सर्वदलिये बैठक के बाद तो एक बात साफ हो गई कि इस देश को लूटने में सभी बराबर के भागीदार है। सबसे दुखद तो यह कि जब देश जल रहा है सरकार की मुखीया विदेश में और उनका लाडला तथाकथित युवराज और भावी प्रधानमंत्री आंचल में मुंह छुपाये सो रहा है। शर्म करो।
निर्लज हो तुम
लोक लाज सब धो कर
पी गए हो..
चुल्लू भर पानी भी
कम है अब
तेरे डूब मरने के लिए...
अरे एक बुढ़ा-नैजवान
जान को लगाकर दांव पर
भारत मां की लाज बचाने
बैठा है
भूखा
कई दिनों से...
और तुम,
तुम सरकार हो
इसलिए
बैठकों में फांकते हो काजू...
और
दाबते इफ्तार के साथ साथ
प्रजातंत्र को चबा चबा कर निगलना चाहते हो
और तुम
अब जबकि
सारा देश
मां की आबरू रक्षार्थ
उठ खड़ा हुआ है
उनकी अस्मत पर आज भी
हाथ डालने से गुरेज नहीं करते.......
यही तो विडंबना हैं हमारे देश की :(
जवाब देंहटाएंsharm to unhe aayegi jinme kuch sharm baki ho.
जवाब देंहटाएंSach ki Bangi panktiyan....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर शब्द संयोजन क्या बात कही आपने
जवाब देंहटाएं