बरबीघा (बिहार)

यह साहसी बेटी विजय सिंह की पुत्री संध्या (ग्रेजुएट) है जिसने भागलपुर के सुल्तानगंज के निजी कम्पनी में इंजिनियर सौरभ से शादी की । दरअसल 20 मार्च को सौरभ का तिलक हुआ और 22 को रिस्तेदार को ट्रेन चढ़ाने के क्रम में उनका एक हाथ पूरी तरह कट गया । यह जानकारी संध्या के परिवार को मिली तो सबने तिलक का पैसा वापस लेकर दूसरी जगह शादी करने की सोंची पर स्वाति ने सबसे कहा की 26 को शादी हो जाती और फिर ऐसा होता तो आप क्या करते? मेरी किस्मत में इसी से शादी लिखी है तो इसी से करुँगी और 24 को पटना में इलाज के दौरान ही मंदिर में शादी हो गयी । संध्या का लड़के से एक दो बार ही मोबाइल से बात हुयी थी और उसने प्रेम, करुणा, त्याग, सहास और संघर्ष की ऐसी मिशाल पेश की कौन इसको सलाम नहीं करेगा......
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (04-04-2015) को "दायरे यादों के" { चर्चा - 1937 } पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
salam aisi beti ko .
जवाब देंहटाएंबेटी के साहस को सलाम
जवाब देंहटाएंNice Article sir, Keep Going on... I am really impressed by read this. Thanks for sharing with us.. Happy Independence Day 2015, Latest Government Jobs. Top 10 Website
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