14 मई 2017

विष्णु धाम तालाब खुदाई के दौरान निकली माता लक्ष्मी की प्रतिमा देखने के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ पाल कालीन प्रतिमा होने का अनुमान भगवान विष्णु की प्रतिमा भी तालाब के खुदाई में निकली थी

विष्णु धाम तालाब खुदाई के दौरान निकली माता लक्ष्मी की प्रतिमा

देखने के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

पाल कालीन प्रतिमा होने का अनुमान

भगवान विष्णु की प्रतिमा भी तालाब के खुदाई में निकली थी

बरबीघा (शेखपुरा)

शेखपुरा जिले के बरबीघा सामस विष्णु धाम मंदिर परिसर तालाब की खुदाई के दौरान शनिवार को माता लक्ष्मी की प्रतिमा निकली है। यह प्रतिमा भगवान विष्णु के मंदिर  के दौरान होने वाले तालाब की खुदाई के में निकली है।

विष्‍णुधाम सामस, क्या है खास।

शेखपुरा बिहार के शेखपुरा जिले में बरबीघा- वारसलीगंज सड़क पे बरबीघा से 5 किमी दक्षिण की ओर बिहार शरीफ से 25 किमी दूर सामस गांव स्थित विष्‍णुधाम मंदिर प्रसिद्व धार्मिक स्‍थल है। मंदिर में भगवान विष्‍णु की 7.5 फीट ऊंची व 3.5 फीट भव्‍य मूर्ति स्‍थापित है। विष्‍णु भगवान की यह मूर्ति स्‍वरूप में है और चार हाथों में शंख, चक्र, गदा तथा पद्मम स्थित है।
मूर्ति की वेदी पर प्राचीन देवनागरी में अभिलेख 'ऊं उत्‍कीर्ण सूत्रधारसितदेव:' उत्‍कीर्ण है। इस लिपि में आकार, इकार और ईकार की मात्रा विकसित हो गई है। ब्राह्मी लिपि में छोटी खड़ी लकीर के स्‍थान पर यह पूरी लकीर बन गई है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस प्रकार की लिपि उत्‍तर भारत में नौवीं सदी के बाद मिलती है। प्रतिहार राजा महेंद्रपाल (891-907 ई.) के दिघवा-दुली दानपात्र में इस शैली की लिपि का प्रयोग पुराने समय में किया जाता था। इस अभिलेख में मूर्तिकार 'सितदेव' का नाम भी लिखा हुआ है।
विष्‍णुमूर्ति के दांए व बांए दो और छोटी मूर्तियां हैं। यह स्‍पष्‍ट रूप से पता नहीं चल पाया है‍ कि ये मूर्तियां शिव-पार्वती की हैं या शेषनाग और उनकी पत्‍नी हैं। यह दुर्लभ मूर्ति 5 जुलाई 1992 में तालाब में खुदाई के दौरान मि‍ली थी। सामस गांव व उसके पास गांवों में खुदाई के दौरान बड़ी संख्‍या में मूर्तियां मिलीं। इनमें से कई सामस गांव के जगदंबा मंदिर में ही रखी गई हैं।

ढाई फीट ऊंची है लक्ष्मी की प्रतिमा

सामस विष्णु धाम मंदिर समिति के अध्यक्ष डॉक्टर कृष्ण मुरारी सिंह तथा सचिव अरविंद मानव ने बताया कि खुदाई के दौरान निकली प्रतिमा लगभग ढाई फीट ऊंची और चतुर्भुजी प्रतिमा है। साथ ही साथ यह प्रतिमा भी भगवान विष्णु की प्रतिमा की तरह ही स्थानिक मुद्रा में है जिसकी वजह से इसे माता लक्ष्मी की प्रतिमा कहा  जा रहा है। हालांकि प्रतिमा खंडित अवस्था में है।

माता लक्ष्मी की एक प्रतिमा पूर्व में हो चुकी है चोरी

मंदिर समिति के सचिव सह ग्रामीण कवि अरविंद मानव की माने तो 50 साल पहले तालाव में भगवान विष्णु और लक्ष्मी की प्रतिमा गांव वाले देखते थे। इसी दौरान लक्ष्मी की प्रतिमा चोरी कर ली गई और बाद में फिर खुदाई कर भगवान विष्णु की प्रतिमा निकाली गई।

सामस गढ़ में है कई पौराणिक प्रतिमा

सामस में खुदाई के दौरान गांव में कई प्रतिमा निकली है। गांव के जगदंबा स्थान में ऐसे ही कितनी प्रतिमाएं रखी हुई है जिसकी पूजा ग्रामीण करते हैं। जगदंबा स्थान में माता जगदंबा की एक प्राचीन प्रतिमा को लोग कुल देवी के रूप में भी पूजा अर्चना करते हैं।

खुदाई हो तो उजागर होंगे रहस्य

सामस गढ को ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य से जोड़कर ग्रामीण देखते हैं। ग्रामीणों की अगर मानें तो यहां राजा का किला होने तथा उनके द्वारा मंदिर निर्माण की बात ग्रामीण कहते हैं। जबकि मुगलों के आक्रमण के दौरान इन प्रतिमाओं को खंडित कर तलाव में फेंक दिए जाने की बात भी ग्रामीण कह रहे हैं। ग्रामीणों की अगर मानें तो सरकारी स्तर पर इस गढ़ की खुदाई किए जाने पर यह ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से जुड़े कई रहस्यों का पता हो सकता है।

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