23 दिसंबर 2009

युवाओं को बदलकर ही समाज को बदला जा सकता है।

युवाओं को बदलकर ही समाज को बदला जा सकता है।
व्यक्ति परिष्कार कार्यशाला का आयोजन
शेखपुरा जिले के बरबीघा में अखिल विश्व गायत्री परिवार की युवा मंडलशाखा
के तत्वाधान में एक दिवसीय व्यक्तित्व परिष्कार कार्यशाला का आयोजन किया
गया। इस कार्यशाला का उद्घाटन दीप प्रज्जवलित कर प्रो0 रामान्नदन देव ने
किया।धन्यवाद ज्ञापन जिप सदस्या डा. किरण देवी ने किया। मंच संचालन युवा
मंडल के सदस्य कुणाल कुमार ने किया। इस अवसर पर राकेश चंद्र कश्यप,
श्रीराम राज, अभय,कंचन,रामलेश,दिपेश,प्रणव एवं रामनिवास सहित युवा मंडल
के अन्य सदस्यों ने सक्रिय सहयोग कर कार्यक्रम को सफल बनाया। कार्यक्रम
का अयोजन एसकेआर कॉलेज के सभा कक्ष में किया गया जिसे भव्य रूप से सजाया
गया था। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए 'शांति कुंज
हरिद्वार के प्रतिनिधि मनीष कुमार ने कहा कि अच्छे साहित्य का अध्ययन और
ध्यान के माध्यम से युवा अपने लिए एक सशक्त मार्ग बना सकतें है। उन्होने
कहा कि बदलते समय के हिसाब से युवाओं को बदलना ही होगा नही तो उनकाके
प्रिश्चत करने का समय भी नहीं बचेगा। उन्होने परंपरागत धर्मिक अनुष्ठानों
पर कटाछ करते हुए कहा कि दुगाZ पाठ करने वाले लोग समझते है कि इससे उनका
पाप कट जाएगा जबकि स्वयं मां दुगाZ राक्षसी प्रवृतियों के संघारक है तो
भला वे कैसे किसी पाप को क्षमा कर सकतें है। निशान्त कुमार ने कहा कि जिस
प्रकार कोयले पर जमा राख उसकी लौ को समाप्त कर देता है उसी प्रकार युवाओं
का तेज समाप्त हो गया है। सुधाकान्त कुमार ने कहा कि ओसामा बिन लादेन और
अब्दुल कलाम दोनों ही इंजिनियर है और एक ने अपनी उर्जा का सकारात्कम
उपयोग किया और एक ने नाकारात्मक जिसकी वजह से एक वैज्ञानिक बने और एक
अतांकवादी। उन्होने कहा कि आज अंग्रेजियत की वजह से ही देश का विकास नहीं
हो रहा है। व्यक्तित्ववान युवा ही देश का विकास कर सकते है। समारोह में
बड़ी संख्या में युवक-युवतियां शामिल थी।

2 टिप्‍पणियां:

  1. बिल्कुल सही कहा भाई आपने , पूर्णतया सहमत हूँ ।

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  2. भारत की भावी पीढ़ी जिनके कंधे पर देश का भार है..उन्हे जागरूक होने की ज़रूरत है..बढ़िया प्रसंग

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