27 अप्रैल 2013

बिहार को बिशेष राज्य के दर्जा का औचित्य पर बरबीघा में सेमिनार।


वक्ताओं ने कहा यह मांग महज राजनीति।
बरबीघा, शेखपुरा (बिहार

विशेष राज्य के दर्जे के पीछे की राजनीति बंद हो तभी बिहार का विकास होगा। वहीं यदि विशेष राज्य का दर्जा मिल भी गया तो भ्रष्ट नौकारशाह इस जमीन पर उतरने नहीं देगें क्योकि बिहार के विकास में सबसे बड़ा बाधक बिहार के नौकरशाही ही है। उक्त बातें एआईएफयुसीटीओ के सचिव प्रो विजेन्द प्रसाद सिंह ने कही। श्री सिंह एसकेआर कॉलेज में आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे। सेमिनार का आयोजन युजीसी के द्वारा किया गया  था।

 सेमिनार बिहार के विशेष राज्य के दर्जा के सवाल पर आयोजित किया गया था। सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए प्रो सिंह ने कहा कि बिहार के विशेष राज्य के दर्जा के पीछे राजनीति है न कि अर्थनीति। बिहार का विकास तभी होगा जबकि परंपरागत विकास के मॉडल को त्याग कर अधुनिक मॉडल अपनाया जाए।  उन्होंने कहा कि बिहार के प्रथम सीएम श्री बाबू के समय में ही बिहार का विकास हुआ और आज बिहार उससे पीछे है।

वहीं सेमिनार में बोलते हुए पटना विश्वविद्यालय के प्रो विनय कंठ ने कहा योजना आयोग को किसी प्रकार का संवैधानिक अधिकार नहीं है कि वह विशेष राज्य के दर्जा का अधिकार दे। उन्होंने कहा कि जनपक्षिय नीति बना कर ही बिहार का विकास हो सकेगा। एम कृष्णा, चंद्रा बाबू नायडू और नीतिश कुमार के विकास  का मॉडल जनपक्षिये नहीं है।
वहीं सेमिनार मे बोलते हुए जनशक्ति के संपादक यु0 एन0 मिश्रा ने कहा कि बिशेष राज्य के दर्जा की मांग उचित है। राष्ट्रीय प्लांनिग में बिहार के सौतेला व्यवहार होता है। वहीं उन्होंने कहा कि विशेष दर्जा की मांग राजनीति से प्रेरित है तथा श्रीबाबू के समय में बिहार विकसित राज्य के श्रेणी में चौथे स्थान पर था फिर आज गिरावट क्यांे?
सेमिनार को संयोजक प्रो0 कृष्ण कुमार ने भी संबोधित किया। वहीं मंच का संचालन भवेश चंद्र पाण्डेय ने किया जबकि अतिथियों का स्वागत प्राचार्य प्रो सुरेश प्रसाद सिंह ने किया। इस अवसर डा. नागेश्वर सिंह, प्रो0 हरिनारायण प्रसाद, प्रो0 राज मनोहर कुमार, सत्येन्द्र कुमार, अमरनाथ सिंह, डा. शिवभगवान गुप्ता, नीरज कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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