30 जून 2023
पशु बलि का विरोध और सोशल मीडिया का छद्मवादी चरित्र
13 जून 2023
दूसरों के लिए जीना इतना आसान नहीं होता
पटना के ऑक्सीजन मैन के नाम से जाने वाले गौरव राय भैया आज फिर एक बार लहलहाती धूप में
10 जून 2023
और इस लड़की को टुकड़े-टुकड़े कर कूकर में उबालने वाला मुसलमान नहीं है
और इस लड़की को टुकड़े-टुकड़े कर कूकर में उबालने वाला मुसलमान नहीं है
कुछ खबरें विचलित कर देती हैं। वैसी ही एक खबर मुंबई से आई है। मनोज साने ने लिव इन रिलेशन में 10 साल से रह रही सरस्वती वैद्य को टुकड़े टुकड़े में काट कर कूकर में उबाला और कुत्ते को खिलाया। पड़ोसी की तत्परता से वह पकड़ा गया।
यह हाइवानियत की पराकाष्ठा है। पर हैवान तो आदमी ही होता है। खैर, इन सब के बीच समूह की हैवानियत भी इन दिनों चर्चा में है। उनमें भी कुछ बौद्धिक लोग भी होते हैं।
मनोज साने के इस क्रूरता को इस अंदाज से प्रस्तुत नहीं किया गया जैसे कि श्रद्धा बालकर और आफताब का मामला था ।
चैनल मीडिया अथवा सोशल मीडिया हिंसा, क्रूरता, आतंकवाद में मुस्लिम नाम आते ही इसे ऐसे प्रस्तुत करते हैं जैसे कि यह सामूहिक, धार्मिक रूप से सार्वभौमिक सत्य हो । इसका विपरीत भी है। कई मामलों में कुछ चैनल हिंदू नाम आते ही बढ़ा चढ़ा पर प्रस्तुत करते है, मुसलमान नाम पर केवल औपचारिकता।
मनोज साने की क्रूरता हाशिए पर धकेल दी गई। ऐसा एक नहीं अनेकों मामलों में देखा गया है। कई सालों से दोनों धर्मों के बीच कट्टरपंथी इसी की आड़ में एक दूसरे धर्म को गलत और अपने को सही ठहरा रहे हैं ।
यह धारणा धीरे-धीरे बनती जा रही है अथवा बन गई है आज एक वर्ग के मानस पटल पर दूसरे धर्मों के प्रति नफरत का भाव है। सोशल मीडिया और चैनलों से हटकर गंभीरता पूर्वक ऐसे मुद्दों पर जब विचार करते थे हैं तो हैवानियत धर्म, जाति, क्षेत्र, भाषा से ऊपर है और हैवान कहीं भी हो सकते हैं...कहीं अधिक कहीं कम...
Featured Post
-
आचार्य ओशो रजनीश मेरी नजर से, जयंती पर विशेष अरुण साथी भारत के मध्यप्रदेश में जन्म लेने के बाद कॉलेज में प्राध्यापक की नौकरी करते हुए एक चिं...
-
प्रधानमंत्री की अपील का दिख रहा है असर होली के अवसर पर प्रधानमंत्री के अपील लोकल फॉर भोकाल का असर दिखाई पड़ रहा है । बाजार में हमेशा की तर...
-
#कुकुअत खुजली वाला पौधा अपने तरफ इसका यही नाम है। अपने गांव में यह प्रचुर मात्रा में है। यह एक लत वाली विन्स है। गूगल ने इसका नाम Mucuna pr...