बिहार सरकार के निर्देश के आलोक में जिला प्रशासन का पूरा महकमा कई बैठकें आयोजित कर फोटो मतदाता सूची सुधारने को लेकर परिश्रम करते है और बच्चों की शिक्षा वाधित कर इस काम को मुकम्मल करने की कवायद होती है पर लगातार दो तीन सालों में सुधार की इस प्रक्रिया में सुधार होता ही नही। आलम यह कि जिस गलती को सुधारने के लिए सारी कवायद की जाती है और महीनों परिश्रम किया जाता है सुधार के बाद जिला प्रशासन के द्वारा जारी फोटो मतदाता सूची वही गलती रह जाती है और ऐसा किसी तकनीकि गलती की वजह से नहीं रहती बल्कि जिसके द्वारा इस कार्य को अंजाम दिया जाता है वह जानबूझ का गलती को सुधारना ही नहीं चाहता। ऐसा इसलिए कि निविदा के आधार पर चलने वाले इस काम को यदि सुधार कर ठीक कर दिया जाएगा तो फिर उनका काम बन्द हो जाएगा। निविदा पर काम करने वाले की इस मानसिकता की वजह से ही लगातार तीन बार मतदाता फोटो सूचि सुधारने का काम किया गया है पर नतीजा शिफर ही रहा। निर्वाचन आयोग के द्वारा चलाए जा रहे फोटो युक्त सूची बनानेके इस अभियान को निवाद पर काम करने वालों के द्वारा टांय टांय फिस्स कर दिया जा रहा है। इतना ही नहीं इसको लेकर ंशुक्रवार को हुए मतदाता सूची सुधारने की बैठक में शिक्षकों ने अपना रोष जताया। सुधार कर जो सूची जिला के द्वारा जारी किया गया उसमें किसी तरह का परिवर्तन नहीं किया गया है। महिला के नाम की जगह पुरूष का तस्वीर तथा पुरूष के नाम की जगह महिला की तस्वीर चस्पा कर दिया गया है। इतना ही नहीं एक ही तस्वीर को 12 नामों के जगह लगा दिया गया। बहरहाल यह कवायद एक बार फिर से चलाया जा रहा है पर बीएलओं को इस आर लोगो के गुस्सों को झेलना पर रहा है पर इसका आसर कुछ नहीं दिखता।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Featured Post
-
आचार्य ओशो रजनीश मेरी नजर से, जयंती पर विशेष अरुण साथी भारत के मध्यप्रदेश में जन्म लेने के बाद कॉलेज में प्राध्यापक की नौकरी करते हुए एक चिं...
-
#कुकुअत खुजली वाला पौधा अपने तरफ इसका यही नाम है। अपने गांव में यह प्रचुर मात्रा में है। यह एक लत वाली विन्स है। गूगल ने इसका नाम Mucuna pr...
-
यह तस्वीर बेटी की है। वह अपने माता पिता को माला पहनाई। क्यों, पढ़िए..! पढ़िए बेटी के चेहरे की खुशी। पढ़िए माता पिता के आंखों में झलकते आंसू....
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें