तहलका ने झकझोर दिया..
कुछ बात है जो कभी कभी उद्वेलित कर देती हैं, खास यदि कोई मिडिया को लेकर
बात करे तो बात ही क्या है। निराशा के नीरब अंधेरी रात में आज भी कोई है
जो चराग जला रहा है शायद तहलका उसमें एक है। खास कर मिडिया को लेकर आनन्द
प्रधान का आलेख झकझोर गया। खास कर आनन्द प्रधान कि यह बात कि टैबलॉयड
अखबारों और चैनलों के पाठक-दशZक क्वालिटी अखबारों-चैनलों से कई गुन रहे
हैं लेकिन जनमत बनाने का और प्रभाव के मामले में टैबलॉयड, क्वालिटी
अखबारों-चैनलों के आगे कहीं नहीं ठहरते........
आइए आप भी इसे पढ़ईए-
http://www.tehelkahindi.com/stambh/diggajdeergha/forum/501.html
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Featured Post
-
आचार्य ओशो रजनीश मेरी नजर से, जयंती पर विशेष अरुण साथी भारत के मध्यप्रदेश में जन्म लेने के बाद कॉलेज में प्राध्यापक की नौकरी करते हुए एक चिं...
-
उसके बड़े बड़े स्तनों की खूबसूरती छुपाने के लिए सपाटा से उसी प्रकार कस कर बांध दिया जाता है जैसे गदराल गेंहूं के खेत में पाटा चला दिया गय...
-
दैनिक जंगल समाचार पत्र में जांबाज बाघ की चर्चा दैनिक जंगल समाचार पत्र में इन दिनों एक जांबाज बाघ के शहीद होने की खबर सुर्खियों में है । खबर...
चलो अच्छा है कि कहीं तो घंटी बजी. उम्दा लेख पढ़वाने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएं