नेटवर्किंग के नाम पर लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाला शातीर एनजीओ संचालक गिरफ्तार।
पटना में प्रदेश जदयू अध्यक्ष से भी बंटबाया था कंबल।
करोड़ो ठगी का आरोप।
बरबीघा,
पटना सहित पूरे प्रदेश एवं झारखण्ड में नेटवर्क मार्केटिंग के नाम लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाला शातीर एनजीओ संचालक को गिरफ्तार कर लिया गया। केवटी पुलिस की सहयोग से पटना पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। इस संबंध में पुलिस ने बताया कि केवटी गांव से शातिर एनजीओ संचालक बाल्मिकी पासवान को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि बाल्मिकी पासवान भारत विकास ट्रस्ट एवं निर्माला इंडस्ट्री के नाम से नेटवर्किंग का एनजीओ चलाता था और प्रति व्यक्ति 1100 से लेकर 15000 रू. तक की बसूली करता था।
बताया जाता है कि बाल्मिकी पासवान एनजीओ के नाम पर लोगों से रजिस्ट्रेशन के नाम रूपये की बसुली करता था और साथ में कमई का भी प्रलोभन दिया जाता है जिसके झांसे मंे आकर लोग बाद में भी मोटी रकम जमा करते थे। बिहारशरीफ एवं पटना मंे भी उक्त एनजीओ का कार्यालय खोला गया था तथा कई अन्य शहरों में भी इसका कार्यालय का संचालन किया जाता था जहां से उगाही होती थी। इसका मुख्य कार्यालय पटना के महावीर कैंसर संस्थान कें बगल मंे संचालित किया जा रहा था। इसको लेकर सविता देवी एवं अन्य के द्वारा फुलबाड़ीशरीफ थाना में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया था जिसके बाद पटना से आई पुलिस टीम सरफराज ईमाम, राजन कुमार गिरि के नेतृत्व में केवटी थाना महेश्वर प्रसाद के सहयोग से उसको गिरफ्तार कर लियार गया। नाटकीय ढंग से हुई इस गिरफ्तारी में सैप के जवानो ंने भी प्रमुख भुमिका निभाई। पुलिस ने बताया कि शातीर एनजीओ संचालक के द्वारा पटना में एक समारोह कर प्रदेश जदयू अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह से भी कंबल बंटवाया था जिसके बाद हंगामा होने पर मामला सामने आया। पुलिस ने बताया कि इसके ठगी के खिलाफ पटना मंे काफी हंगामा हुआ और धरना प्रदर्शन किया गया।
बता दें कि बरबीघा में भी इसी तरह का एक एनजीओ फार्मर टस्ट कें नाम से संचालित किया जा रहा है जिसके द्वारा 15000 से 25000 हजार तक आंगनबाड़ी केन्द्र खोलने के नाम पर बसुली किया जा रहा है और एक मोहल्ले में एक दर्जन से अधिक केन्द्र खोल दिया गया है।
Network Marketing is today,s hot trend. In this time about 30,000 network marketing companies are working in India, but 90% are false. People should try to avoid these wrong person or companies.
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