विकास
प्रखंड में पंचायत प्रतिनिधियों की बैठक चल रही थी। जिले के आला अधिकारी मौजूद थे। पंचायती राज के सबसे निचले पायदान के प्रतिनिधि वार्ड सदस्य भी मौजूद थे।
आला अधिकारी वार्ड सदस्य को डरा-धमका रहे थे।
"विकास कार्य गुणवत्तापूर्ण करिए नहीं तो जेल चले जाइएगा। सारी जिम्मेदारी आपकी है।"
एक वार्ड सदस्य सच में डर गया। मायूस होकर बोला।
"सर, चार लाख के योजना में डेढ़ लाख तो साहेब अउ मुखिया जी कमिशने में चल जा हय, हमरा अर के तो दू पैसा बचबे करो हई। बढ़िया रोड कैसे बनत।"
सब टुकुर टुकुर एक दूसरे का मुँह देखने लगे।
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