#एकता_दिवस #मंदिर_मस्जिद साथ साथ
आज एकता दिवस है। मंदिर मस्जिद का मुद्दा फिर चुनाव आते ही चरम पे है। विकास, रोजगार, रोटी का मुद्दा गौण। इसके लिए केवल नेताओं को दोषी मानना गलत है। नेता तो व्यपारी है। जो माल सबसे अधिक बिकेगा वही माल दुकान में सजायेंगे।
पर पता नहीं गांव के लोगों को मंदिर मस्जिद मुद्दे के बारे में पता भी है या नहीं। यह तस्वीर बहुत कुछ कहती है। यह तस्वीर है शेखपुरा जिला के बरबीघा प्रखंड के डीह निजामत गांव की।
मंदिर और मजार दोनों साथ साथ हैं। मंदिर में भी पूजा होती है और मजार पर भी चादर चढ़ाई जाता है। मुसलमान अपने इबादत में रहते हैं और हिंदू अपनी पूजा में।
आज तक कभी किसी विवाद की बात सामने नहीं आयी।
यह अलग बात है कि सोशल मीडिया, न्यूज़ चैनल और राजनीतिज्ञों के द्वारा देश की एकता खतरे में बताई जाती है परंतु गांव के लोग देश की एकता की डोर मजबूती से थामे हुए है।
बाकी तो जो है से हैइये है।
खुदा एक है घर अलग अलग बसा लिए हमने!
कहीं मस्जिद, कहीं गिरजा, कहीं मंदिर बना लिए हमने!!
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