09 जुलाई 2021
मेघ
#मेघ
टिप टिप
टुपुर टुपुर
यह बिरह गीत है
या की है
मिलन संगीत
सुनो तो सही
कुछ देर मौन होकर
दिल से
किसी बिरहन के
आंसूं हैं ये
या की है
क्रंदन
किसी अहिल्या की
अरे हाँ, रुको
यह प्रेम संगीत है
क्या तुम प्रेमी हो
हो न..
(शब्द और छाया अरुण साथी की)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Featured Post
मेला, बेटी और रोटी
आचार्य ओशो रजनीश मेरी नजर से, जयंती पर विशेष
आचार्य ओशो रजनीश मेरी नजर से, जयंती पर विशेष अरुण साथी भारत के मध्यप्रदेश में जन्म लेने के बाद कॉलेज में प्राध्यापक की नौकरी करते हुए एक चिं...
बाजार में प्रधानमंत्री की अपील का होली में दिखा असर
प्रधानमंत्री की अपील का दिख रहा है असर होली के अवसर पर प्रधानमंत्री के अपील लोकल फॉर भोकाल का असर दिखाई पड़ रहा है । बाजार में हमेशा की तर...
कुकुअत , खुजली वाला पौधा
#कुकुअत खुजली वाला पौधा अपने तरफ इसका यही नाम है। अपने गांव में यह प्रचुर मात्रा में है। यह एक लत वाली विन्स है। गूगल ने इसका नाम Mucuna pr...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें