02 जून 2010

``इप्टा´´ कें कलाकार गांवों में जगा रहे है महिला जागृति का अलख।

सरकार यदि सकारात्मक रूप से समाज में परिवर्तन का प्रयास करे और इसके लिए ईमानदारी से प्रयास कर योजनाओं का संचालन हो तो इसकी धमक भी दिखाई देने लगती है। ऐसा ही एक नजारा देखने को मिला शेखोपुरसराय प्रखण्ड कें अंबारी गांव में। चिलचिलाती धूप में यहां इप्टा कें कलाकारों कें  द्वारा महिलाओं के जगृति को लेकर नाटक का मंचन किया जा रहा है। मुख्यमन्त्री नारी सशक्तिकरण योजना के तहत इप्टा कें द्वारा चलाए जा रहे इस कार्यक्रम में इप्टा कें कलाकार ने रामायण और महाभारत काल के नारी चरित्रों का नाट्य मंचन करते हुए सीता की अग्निपरीक्षा, अहील्या के शाप और द्रोपदी के चीरहरण को नारी पर किया गया अपराध बताते हुए नारियों से जगृत होकर अपने उपर होने वाले अत्याचार का विरोध करने के लिए आगे आने का आह्वान किया। नाट्य मंचन में कलाकारों ने नारियों के साथ होने वाले बलात्कार की घटना के लिए भी नारी को ही समाज और परिवार के लिए दोषी ठहराने का चित्रण करते हुए इसे नारियों पर किया जाने वाला अत्याचार बताया बलात्कार की खबर पर मिडिया में भी मिर्च मशाला लगाकर परोसने का चित्रण भी कलाकरों ने बखुबी किया। कलाकारों ने अपने अभिनय से नाटक को जिवन्त करते हुए नारियों खामोशी को ही समाज कें द्वारा स्वीकार किए जाने की बात कही। महिलाओं के शरीर में सेक्स की तलाश और उसके उपर की जाने वाली छीटाकशी पर भी करारा व्यंग किया गया। इस अवसर पर इप्ट के पदाधिकारी एवं टीम लीडर अशोक कुमार पाठक ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले के विभिन्न प्रखण्डों में यह जागरूकता  अभियान चलाया जाएगा। इस नाटक में मंचन में अवध, प्रेम, मनोज, अजूZन, कुमकुम, निधि एवं सानू प्रिया ने उत्कृष्ट अभिनय का प्रदशZन किया। समारोह में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी रीता देवी के द्वारा सहयोग किया जा रहा था।


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