08 फ़रवरी 2014

सच्चा धर्म



झूमना, नाचना, गाना, उन्मुक्त हो जाना यही सच्चा धर्म है। आज यह नजारा मेरे यहां तेउस गांव के साई महोत्सव में देखने को मिली। शोभा यात्रा में महिलाऐं उन्मुक्त होकर झूम रही थी जैसे सबकुछ त्याग दिया हो....साई के लिए.. ओम साईं..




8 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (09-02-2014) को "तुमसे प्यार है... " (चर्चा मंच-1518) पर भी होगी!
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. मुझे समझ नहीं आता.
    (ज़रूरी भी नहीं कि‍ सबकुछ समझ आ भी जाए)

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