कहीं जाना है तुम्हें
रास्ते नहीं मिलते,
तो क्या
चलो तो सही चलना ही रास्ता है।
एक एक कदम
मंजील की ओर
सिर्फ तुम्हीं नहीं चलते
मंजील भी चलती है तुुम्हारी ओर।
चलो तो सही
चलना ही रास्ता है।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Featured Post
-
उसके बड़े बड़े स्तनों की खूबसूरती छुपाने के लिए सपाटा से उसी प्रकार कस कर बांध दिया जाता है जैसे गदराल गेंहूं के खेत में पाटा चला दिया गय...
-
बिहार की शिक्षा नीति पर अक्सर सवाल उठते रहे है और परिक्षाओं में नकल यहां की परंपरा है। बिहार में शराब नीति और शिक्षा नीति दोनों आलोचना...
-
आचार्य ओशो रजनीश मेरी नजर से, जयंती पर विशेष अरुण साथी भारत के मध्यप्रदेश में जन्म लेने के बाद कॉलेज में प्राध्यापक की नौकरी करते हुए एक चिं...
nice
जवाब देंहटाएंसिर्फ तुम्हीं नहीं चलते
जवाब देंहटाएंमंजिल भी चलती है तुम्हारी ओर
बहुत खूब अरुण जी...बेहतरीन रचना...कृपया टाइपिंग की त्रुटियों को ठीक करलें...अखरती हैं...
नीरज