बहुत सुन्दर प्रस्तुति...! -- आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शनिवार (04-01-2014) को "क्यों मौन मानवता" : चर्चा मंच : चर्चा अंक : 1482 में "मयंक का कोना" पर भी है! -- सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। -- हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शनिवार (04-01-2014) को "क्यों मौन मानवता" : चर्चा मंच : चर्चा अंक : 1482 में "मयंक का कोना" पर भी है!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभार ...
हटाएंयही तो है उलझन अरुण जी !
जवाब देंहटाएंनया वर्ष २०१४ मंगलमय हो |सुख ,शांति ,स्वास्थ्यकर हो |कल्याणकारी हो |
नई पोस्ट विचित्र प्रकृति
नई पोस्ट नया वर्ष !
आभार आपका
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अभिवयक्ति.....
जवाब देंहटाएंआभार
हटाएंकैसी उलझन है यह भी,जो सदियों से आज तक यक्ष प्रशन बन कड़ी है,सुन्दर अभिव्यक्ति.
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