जिले के कोसरा गांव में बीते दिनों चोरी गई शिव-पार्वती की बहुमुल्य प्रतिमा का कोई सुराग नहीं मिल पाया और यह मामला भी पुलिस के द्वारा ढ़ढ़े बस्ते में डाल दिया गया। पुराताित्वक महत्व की इस प्रतिमा को शोध का विषय माना जा रहा पर पुराताित्वक महत्व की इस प्रतिमा की सुरक्षा को लेकर प्रशासन के द्वारा किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी जिसकी वजह से गांव के लोगों ने प्रतिमा को एक पुराने मन्दिर में स्थापित कर दिया था। ज्ञातव्य हो कि शिव-पार्वती की यह प्रतिमा कोसरा गांव में खुदाई में 27 मई 2009 को मिली थी। पुराताित्वक महत्व के इस प्रतिमा की खास बात यह थी की इसमें शिव-पार्वती आलिंगवद्व मुद्रा में थे जिसमें शिव जी का हाथ पार्वती कें उरोज पर थी और इस तरह की कला को जानकार काफी ऐतिहासिक महत्व का बता रहे थे। खुदाई कें बाद प्रतिमा की सुरक्षा को लेकर लगातार ग्रामीणो के द्वारा लगातार बिहार सरकार को पत्र लिखा गया और पुरातत्व विभाग को खबर भी की गई पर किसी के द्वारा किसी ने कोई सुध नहीं ली और आखिर कर चोरो की इस पर नज़र पड़ी और वे मुर्ति चुरा ले गए। ग्रामीणों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि ऐतिहासिक महत्व के इस प्रतिमा के मामले को पुलिस रने ठंढ़े वस्ते में डाल दिया।
बात दें कि कोसरा गांव में मुगल काल के मुगलों के जुल्म के कई प्रमाण है जहां मुगलों ने यहां कई प्रतिमा को विखण्डित कर तलाब में फेंक दिया। बताया जाता है यहां मान सिंह के किले की कहानी बुजुर्गो कें द्वारा कही जाती थी और आज भी तलाब की खुदाई में कई तरह के प्रतिमा की विखण्डित भाग मिलता है जिसे ग्रामीणा तलाब किनारे ही स्थापित कर देते है और महिला उसकी पूजा में लग जाती है।
कुछ भी पर प्रशासनिक लापरवाही की वजह से पुराताित्वक महत्व की प्रतिमा आखिर कर चोरी हो गई।
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